बारिश से पहले ये गलती ना करें! वाइपर ब्लेड्स कब बदलने चाहिए, जान लीजिए अभी

परिचय: मॉनसून में वाइपर ब्लेड्स की अहमियत

सोचिए, आप सुबह-सुबह अपनी कार लेकर ऑफिस जा रहे हैं, मौसम खुशनुमा है, हल्की-हल्की बारिश हो रही है। लेकिन जैसे ही बारिश तेज़ होती है, आपकी विंडस्क्रीन पर पानी की मोटी परत जमने लगती है, और वाइपर उसे साफ करने में नाकाम हो जाते हैं। आगे कुछ दिखाई नहीं देता, और गाड़ी चलाना एक खतरनाक गेम बन जाता है। यही वो पल होता है जब हम सोचते हैं – काश वाइपर ब्लेड्स पहले ही बदलवा लिए होते!

दरअसल, हम भारतीयों की एक आदत होती है – “सब चल रहा है तो ठीक है।” लेकिन जब बात बारिश और ड्राइविंग की हो, तो एक छोटी सी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है। इसलिए, मॉनसून शुरू होने से पहले अपने वाइपर ब्लेड्स की हालत ज़रूर देख लें

बारिश में धुंधली विंडस्क्रीन क्यों होती है खतरनाक?

बारिश के मौसम में सबसे बड़ा दुश्मन होता है – धुंधली विंडस्क्रीन। जब वाइपर पुराना होता है या सही से काम नहीं करता, तो वह पानी तो साफ नहीं कर पाता, उल्टा कांच पर लकीरें और धुंध छोड़ जाता है। ऐसे में तेज़ बारिश में आगे का रास्ता धुंधला हो जाता है।

और जब आपको सामने की सड़क ही साफ नहीं दिखेगी तो आप मोड़, गड्ढा या कोई पैदल यात्री कैसे देख पाएंगे? ऐसे में ब्रेक लगाना देर से होता है और हादसा बस एक सेकंड दूर होता है। इसलिए एक साफ विंडस्क्रीन का मतलब है – एक सुरक्षित सफर

Car Wiper
Car Wiper

वाइपर ब्लेड्स के सही काम करने के संकेत

अगर वाइपर चलते समय कोई आवाज नहीं करता, कांच पर लाइनें नहीं छोड़ता, और पूरी विंडस्क्रीन एक बार में साफ हो जाती है, तो समझ लीजिए अभी तो सब ठीक चल रहा है।

लेकिन ज़रा ध्यान दीजिए – अगर वाइपर चलते वक्त “किच-किच” की आवाज आ रही है, या साफ करने के बाद भी कांच पर धुंध बनी रहती है, तो वो “चल रहा है” वाली सोच अब आपको धोखा देने वाली है।

पुराने वाइपर ब्लेड्स के कारण होने वाले नुकसान

कई बार हम सोचते हैं कि वाइपर से भला क्या फर्क पड़ता है, लेकिन असल में फर्क बहुत बड़ा पड़ता है। पुराने वाइपर:

  • कांच पर स्क्रैच डाल सकते हैं।
  • पानी को ठीक से साफ नहीं करते जिससे विज़िबिलिटी घटती है।
  • अगर रबर पूरी तरह घिस जाए तो मेटल फ्रेम कांच से टकराकर नुकसान करता है।
  • और सबसे बड़ी बात – ड्राइविंग रिस्क बढ़ जाता है।

सिर्फ एक पुराना वाइपर, आपकी पूरी गाड़ी की सेफ्टी पर भारी पड़ सकता है।

वाइपर ब्लेड्स कितनी बार बदलने चाहिए?

अब सवाल आता है – कब बदलें वाइपर ब्लेड्स?

साधारण भाषा में कहें तो, हर 6-12 महीने में एक बार ज़रूर चेक करें। बहुत ज़्यादा गर्मी, धूलभरे इलाके, या ऐसी जगह जहां कार खुले में पार्क होती हो – वहां वाइपर जल्दी घिस जाते हैं।

अगर आपकी कार अक्सर धूप में रहती है या ज्यादातर समय ट्रैफिक में चलती है तो वाइपर की उम्र और कम हो जाती है। मॉनसून से पहले एक बार तो ज़रूर वाइपर की हालत जांच लीजिए।

वाइपर ब्लेड्स खराब होने के लक्षण

अब ये कैसे पहचानें कि वाइपर बदलने का वक्त आ गया है? ज़रा ये देखिए:

  • वाइपर चलने पर कांच साफ नहीं होता, बल्कि लकीरें रह जाती हैं।
  • अजीब सी कर्कश आवाज आती है।
  • रबर किनारों से फट चुका होता है।
  • ब्लेड uneven तरीके से चलता है।
  • या फिर चलाते वक्त कूदता है।

अगर इन में से कोई भी एक लक्षण दिखे, तो समझ जाइए अब टाइम आ गया है बदलाव का।

बरसात से पहले वाइपर ब्लेड्स की जांच कैसे करें?

कोई रॉकेट साइंस नहीं है इसमें। कार बंद करें, वाइपर आर्म को उठाएं और रबर को हाथ से महसूस करें।

क्या वह सॉफ्ट है या सूखी और फटी हुई? हल्का सा मोड़कर देखिए, अगर रबर लचकदार नहीं रहा तो मतलब वो अपना काम ठीक से नहीं करेगा।

चाहें तो वाइपर चला कर भी देख सकते हैं कि बारिश में वह ठीक से साफ कर रहा है या नहीं।

कौन से वाइपर ब्लेड्स खरीदें – रबर या सिलिकॉन?

आजकल बाज़ार में रबर और सिलिकॉन वाइपर ब्लेड्स आते हैं।

रबर वाइपर: सस्ते होते हैं, लेकिन जल्दी खराब हो जाते हैं।
सिलिकॉन वाइपर: थोड़े महंगे हैं लेकिन टिकाऊ होते हैं और स्मूद चलते हैं।

अगर आपको बारिश में भी स्मूद और बिना स्क्रैच वाला कांच चाहिए तो सिलिकॉन वाइपर एक स्मार्ट चॉइस है

एक बार थोड़े पैसे ज़्यादा लगेंगे, लेकिन बार-बार बदलने से छुटकारा मिलेगा।

DIY या प्रोफेशनल – क्या खुद बदल सकते हैं वाइपर?

अरे बिल्कुल! आजकल के वाइपर “क्लिप-ऑन” टाइप के होते हैं जो बिना स्क्रू या टूल्स के लग जाते हैं। अगर आपने एक बार यूट्यूब वीडियो देख लिया तो आप खुद भी वाइपर ब्लेड बदल सकते हैं।

लेकिन हां, अगर आपकी कार नई है या आप टेक्निकल चीजों से दूर रहते हैं, तो मैकेनिक से बदलवाना ज़्यादा सही रहेगा। गलती से उल्टा लगा दिया तो काम खराब भी हो सकता है।

कार की मेंटेनेंस में वाइपर की भूमिका

हम अक्सर टायर, इंजन, ब्रेक की बात करते हैं, लेकिन वाइपर भी उतना ही ज़रूरी हिस्सा है। ये वो चीज़ है जो हमें बारिश में रास्ता दिखाता है।

अगर वाइपर सही नहीं चला, तो लाखों की कार भी किसी काम की नहीं।

इसलिए कार सर्विस करवाते वक्त वाइपर को भी जांचें – क्योंकि वो आपकी आंखें हैं बारिश में।

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वाइपर ब्लेड्स को लंबे समय तक टिकाऊ रखने के टिप्स

  • हर हफ्ते वाइपर को सूखे कपड़े से साफ करें।
  • सूखी विंडस्क्रीन पर वाइपर कभी मत चलाइए।
  • कांच धोने के लिए वॉशर फ्लूइड का इस्तेमाल करें, सिर्फ पानी नहीं।
  • तेज धूप में कार को पार्क करने से बचें।
  • बारिश के बाद वाइपर को सुखा लें ताकि रबर न खराब हो।

थोड़ी सी देखभाल आपके वाइपर को लंबे समय तक साथ निभाने लायक बना देती है।

निष्कर्ष: बेहतर दिखेगा तो सफर भी बेहतर होगा

बारिश के मौसम में गाड़ी चलाना जितना रोमांचक होता है, उतना ही जोखिम भरा भी।

और इस जोखिम को खत्म कर सकती है सिर्फ एक चीज़ – साफ-सुथरे, सही से काम करने वाले वाइपर ब्लेड्स।

तो अगली बार जब बारिश की पहली फुहार गिरे, आप निश्चिंत होकर कार चलाएं, क्योंकि आपने समय रहते वो एक छोटी सी लेकिन ज़रूरी चीज़ – वाइपर ब्लेड्स – बदल दी थी।

देखभाल की शुरुआत छोटी चीज़ों से होती है – और यही हमें बड़ा फर्क दिखाती है।

I’m Shivam Pathak, an automobile journalist with 3+ years of experience. Through multiple platforms like YouTube, Instagram, and Facebook and now vanshcar.com, I share daily auto news, car reviews, drive experiences, and owner stories. Follow me on Instagram: @vanshcar

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